तुम चाँद हो मेरे लिए,
खूबसूरत हो,
शीतल हो,
नूर से भरे हुए हो,
बस देखते रहने को दिल करता है,
चक्कर मेरे इर्द गिर्द लगाते हो,
तुम्हारे बिना हर रात अधूरी है,
कभी कभी छुप छुप भी जाते हो,
दिखते तो हो पर दूर हो,
सिर्फ़ देख सकता हूँ, छू नहीं सकता,
रहेंगे आमने सामने हमेशा,
मिलेंगे या नहीं वो पता नहीं,
पर एक बात तय है कि
तुम सिर्फ़ मेरे हो,
सिर्फ़ मेरे हो ।
-अख़्तर खत्री
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