मेरा वजूद मुक़म्मल तुम से है ।
मेरी हर एक ग़ज़ल तुम से है ।
मेरा मुजमें कुछ ना बचा अब,
जिंदगी मेरी सफल तुम से है ।
जुदा हो कर कहाँ जाऊँगा में,
मेरा तो हर एक पल तुम से है ।
धड़कता है दिल तुम्हारे होनेसे,
मेरी आज, मेरा कल तुम से है ।
खुशियों की वजह तुम ‘#अख़्तर’
परेशानियों का हल तुम से है ।
Categories: Dr. Akhtar Khatri, Poems / कविताए