गरीब का ख्वाब तो होगा ही,
धन नही सम्मान तो होगा ही,
सदियो पुराना जो है इंसान,
कहीं से ख़राब तो होगा ही;
मौसम देखो कितना सर्द है !
जाम ए शराब तो होगा ही।
पाला है शौक गुलफाम का;
हाथ में गुलाब तो होगा ही,
तकलिफ लबों को क्युं देते हो!
नैनो में भी जवाब तो होगा ही,
बिखरती सँभलती ही जिंदगी है,
फिर भी जीने का ख्वाब होगा ही।।
एक पल में सब मिले मुमकिन नही,
पर उम्मीदे परस्त् इंसान होगा ही।।
– पायल उनडकट
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Vaahhhh !!